मंगलवार, 11 अगस्त 2009

'जात पे ना पात पे, वोट मिलेगा बाल पे

नजफगढ़ के नवाब सहवाग के घर के आगे सैंकड़ों लोगों की भीड़ पड़ रही थी, मिठाइयां बांटी जा रही थी। हाथों में तरह-तरह के विग और पोस्टर लेकर भंगड़ा करते देख अपन ने सोचा कि चुनावों का माहौल है। हो सकता है नवाब साहब को नवाबी करने का चढ़ गया हो और उन्होंने भी चुनाव लडऩे की सोच ली हो। समर्थकों के हाथों में विग देखकर पक्का यकीन हो गया कि चुनाव आयोग ने चुनाव चिन्ह भी शायद विग ही दिया लगता है। ऐसा जानकर अपन भी बीच में जाकर कूदने-फांदने लगे। बीच में जाकर जोर से नारा लगाया, 'जात पे ना पात पे, वोट मिलेगा बाल पे।

अपन को ज्यादा उत्साहित देख नवाब का कोई रिश्तेदार अपन की बाजू पकड़कर खींचते हुए एक कोने में ले गया और बोला,'अबे, ये बाल-वाल के क्या नारे लगा रहा है। अपन बोले,'क्यों क्या हुआ, देखना अपन नारे लगाएंगे तो सहवाग भाई जरूर जीतेंगे। क्या सहवाग का दिमाग खराब है, जो चुनाव लड़ेगा? सैंकड़ों टोटके करने पर बेचारे की अब सुध आई है और तू है कि वापस उसे ठिकाने लगाने की सोच रहा है। वैसे भी यहां कोई चुनाव-वुनाव का प्रचार नहीं हो रहा बल्कि सहवाग के हेयर ट्रांसप्लांट की खबर की खुशी मनाई जा रही है।

'बड़े जतन के बाद ये दिन देखने को मिला है। तुम्हें पता नहीं सहवाग ने क्या-क्या नहीं इन बालों के चक्कर में। जब पहली बार मैदान में आया तो लोगों ने उसे तेंदुलकर की कॉपी, हमशक्ल यहां तक कि सचिन का क्लोन तक कहा गया। लेकिन उधर सचिन के रन जितनी गति से बढ़ते गए श्रीमान के बाल उतने ही कम होते गए। रन बने सटासट और बाल उड़े फटाफट। बेचारे स्कार्फ बांधकर मैदान में उतरते कि कहीं कोई फोटोग्राफर बालों का क्लोजअप न ले ले। विज्ञापन कंपनी वालों में भी ज्यादातर हेलमेट और कैप के विज्ञापन करवाने लगे। 30 की उम्र में 40 के लगने लगे। और तो लोगों ने ऑटोग्राफ तक लेने कम कर दिए। इस टेंशन का असर खेल पर पड़ा और बालों की तर्ज पर रन भी कम होते गए।

बेचारे मन ही मन कुडऩे लगे। कोढ़ में खाज तब हो गई, जब पाकिस्तान के मैच में मियां मुशर्रफ ने धोनी के बालों की तारीफ करते हुए उसे जुल्फें न कटाने तक की गुजारिश कर दी। उस दिन तो मानों भाई को मानो लकवा ही मार गया हो। उस दिन कसम खा ली कि अब तो बाल बढ़ाने ही हैं। चाहे कुछ भी हो जाए। संयोग ऐसा बना कि कई बार बाल प्रत्यारोपण करवा चुके रिकी पोंटिंग से टकरा गए। उनके सामने अपनी व्यथा सुनाई तो रिकी बोले,'गंजेपन का बोझ झेलने वाले तुम अकेले क्रिकेटर नहीं हो। इससे पहले शेन वार्न, ग्राहम गूच, ग्रेग मैथ्यू जैसे दिग्गज गंजे होने के ताने झेल चुके हैं। लेकिन कोई चिंता नहीं, सब दुबई गए और शानदार बाल बढ़वाकर आ गए।

लेकिन लोग क्या कहेंगे? यह सोचकर सहवाग ने कई बार आइडिया ड्रॉप कर दिया। अब एक बार फिर जब रिकी पोंटिंग भारत आए, तो गंजा देखकर चौंक गए और बोले, 'ओए वीरू ये क्या? दुनिया वीरान हो जाएगी, बीवी छोड़कर भाग जाएगी। कुछ नहीं रखा फटाफट बालों का प्रत्यारोपण करवा लो। अरे बालों के खटके तो देख कैसे चंगू-मंगू भी हीरो बने नजर आते हैं। मिसाल सामने है। कल तक हिमेश टोपी में अपना सिर छुपाकर निकला करता था, वहीं आज बालों में हाथ डाले नजर आता है। सलमान से बड़ी और क्या मिसाल हो सकती है, गंजा हुआ तो ऐश भी किनारा कर गई और बाल उगे तो कैटरीना मिल गई...। बात पूरी भी नहीं हुई थी कि सहवाग भैया बोरी-बिस्तर बांधकर सहविग बनने चल निकले। अब देखना है कि उनके सितारे कितने चमकते नजर आते हैं।

1 टिप्पणी:

  1. अच्छा है,

    आज मेरा कुछ सवाल करने का दिन है शायद, आपके लेखन को पढ़कर लगा जैसे - हमारे आसपास क्या है जिसे बहुत आसानी से लिखा जा सकता है?

    हमारा अहसास है की हम प्यार को समझते हैं - प्यार से जीते हैं लेकिन प्यार बदले मे क्यों चाहते हैं? ये चाहना क्या है? और क्यों है?

    मुबारक हो - अपने शब्दों को जारी रखिये।

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